TWO LINE SHAYARI FOR WHATSAPP #0003
अदब और सलीका
*तहज़ीब, अदब और सलीका भी तो कुछ है,*
*झुका हुआ हर शख़्स बेचारा नहीं होता..*
जिसका दिल भरता गया
बेगाना हमने नहीं किया किसी को,
जिसका दिल भरता गया वो हमें छोड़ता गया।
मुझसे बिछड़े
मुझसे बिछड़े अरसा बीता,
जाने अब वो किससे लड़ता होगा।
मौत की अफवाह
मिल जाएंगे हमारी भी तारीफ करने वाले,
कोई हमारी मौत की अफवाह तो फैला दो।
झुक क्या गए
हम सादगी में झुक क्या गए,
लोगों ने समझा हमारा दौर ही खत्म हो गया।
बच्चों को पैरों पर
बच्चों को पैरों पर, खड़ा करना था,
पिता के घुटने, इसी में जवाब दे गये।
मुझे वो छोड़ गया
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का,
इरादा मैंने किया था कि छोड़ दूँगा उसे।
जनम जनम जो साथ निभाए
आखरी ख्वाहिश
न जाने ऐसी भी क्या दिल्लगी थी तुमसे,
मैंने आखरी ख्वाहिश में भी तेरी मोहब्बत मांगी….
वो एक शख्स
पूरा हुजूम तालियाँ बजाये तो क्या..?
बस वो एक शख्स मुस्कुरा दे “काफी” है
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