TWO LINE SHAYARI FOR WHATSAPP #0004
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
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पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
तुम दुआ के वक्त जरा मुझे बुला लेना,
दोनो मिल कर इक दुसरे को मांग लेंगें I
*हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम, तेरे पास आने के लिये…*
*ना जाने कितने फासले तय करने अभी बाकी है तुमको पाने के लिये..!!!*
कभी फुरसत मे अपनी कमियो पर गाैर करना,
दुसरो के आईने बनने की ख्वाहिश मिट जायेगी.
नाकाम हो जाता है ? हर दर्द यहाँ,
माँ ? तेरी गोद ? दवा ? का काम करती है..
झूठे वादें करने से अच्छा है,
आप कोई वादा ही ना करों !!
हम तो बिछडे थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,
मगर तुमने तो मेरे बिना जीना ही सिख लिया।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!
दिल टूटा? है तो अपनी ही गलती से..
उस ने कब कहा था की तू मुहब्बत कर…!
?मौसम बहुत सर्द है, चल ए दोस्त…….
गलतफहमीयो को .……आग लगाते हैं………….!!
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