loading...

TWO LINE SHAYARI FOR WHATSAPP #008

Mujhe is baat ka gam nahi ki tum bewafa nikli…
Afsoos to iss baat ka hyai ki

गाँव में छोड़ आये जो हज़ार गज़ की बुजुर्गों कि हवेली,
वो शहर में सौ गज़ में रहने को खुद की तरक्की कहते हैं…..!

मेरी आँखों की औकात नही कि किसी लड़की को घूर सके
याद रहता है…कि खुदा ने एक बहन मुझे भी दी है..

रुखी रोटी को भी बाँट कर खाते हुये देखा मैंने..!!
“सड़क किनारे वो भिखारी “शहंशाह” निकला…!!

Bada Shauq Tha Unhe Mera Ashiyana Dekhne Ka
Jab Dekhi Meri Ghareebi To Rasta Badal Lia…

सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया. . .
तकलीफ लोगों को तब हुई जब मैं थोड़ा जी गया. .

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।

‘कर्मो’ से ही पहेचान होती है इंसानो की…
महेंगे ‘कपडे’ तो,’पुतले’ भी पहनते है दुकानों में !!..

Ghar Aa k Boht Roye Maa Baap Akelay Main . . .
Mit’ti k khilonay Bhi Sastay Naa Thay Mailay Main .

Fir udd gayi neend meri yeh soch kar,
Ke jo shaheedo ka baha wo khoon meri neend k liye tha…!!

Comments

Sponsor

loading...

Popular posts from this blog

Smart to mai bachpan se hi hu

Badmasad Status Shayari For Whatsapp 2018

Pyar Bhari Thank You Love Shayari for Girlfriend & Boyfriend