TWO LINE SHAYARI FOR WHATSAPP #009
“तू” मुझमेँ पहले भी था “तू ” मुझमें अब भी है ,
पहले मेरे लफ़्ज़ों में था ..अब मेरी खामोशियों में है…”!
लाखो हसीन है इस दुनिया में तेरी तरह….
क्या करे हम्हे तो तेरी रूह से प्यार है….
ये ख़ामोशियाँ भी अजीब रिश्ता निभाती है.,,
लब अक्सर खुलते हैं , पर कभी आवाज़ नहीं आती है
तुझे ख़्वाबों में पाकर दिल का क़रार खो ही जाता है,
मैं जितना रोकूँ ख़ुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है.
तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे,
मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे..!!
मेरे तन से महकती है तेरी खुशबू, अपनी सांसो से हटाऊ कैसे
तेरी इश्क की सजदा की है मैने,तेरी सूरत से नजरे हटाऊ कैसे
तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें कुछ सा गुमान होता है
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश नज़रों से कि दिल बेईमान होता है
सर्द मौसम में बहुत याद आते हैं….
धुंध में लिपटे हुए….वादे तेरे…
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा..!!
और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया..!!
मैं तो ऐसा हु शायद तुम कुछ ओर समज लियें…
जब से आप मिले हमारे तो साये भी फिसल लियें…
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